भारत की सबसे गौरवशाली महिला धावक पी टी उषा अब राज्य सभा के लिए केंद्र द्वारा मनोनीत की गयीं हैं। उनकी प्रशंसा में कभी जाने माने कवि विरेंन दंगवाल ने ये पंक्तियाँ लिखी थीं।
काली तरुण हिरनी अपनी लम्बी चपल टांगों पर उड़ती है
मेरे ग़रीब देश की बेटी आंखों की चमक में जीवित है अभी
भूख को पहचानने वाली विनम्रता
इसीलिए चेहरे पर नहीं है सुनील गावस्कर की-सी छटा
मत बैठना पी टी ऊषा
इनाम में मिली उस मारुति कार पर
मन में भी इतराते हुए
बल्कि हवाई जहाज में जाओ
तो पैर भी रख लेना गद्दी पर
खाते हुए मुँह से चपचप की आवाज़ होती है ?
कोई ग़म नहीं
वे जो मानते हैं बेआवाज़ जबड़े को सभ्यता
दुनिया के सबसे खतरनाक, खाऊ लोग हैं
-वीरेन डंगवाल