आदिपुरुष: फिल्म सभी पहलुओं पर घटियापन के रिकॉर्ड तोड़ती है
डेढ़ महीने से कुछ लिखा नहीं। डॉक्टरों ने मना किया था कि फोन और कंप्यूटर पर न लिखें। क्योंकि सर्वाइकल का दर्द कंधे से...
जब कर्ण ने परशुराम के सत्य को निर्वस्त्र कर दिया।
हिंसा।प्रतिहिंसा और प्रतिशोध की आग में जलने का नाम है परशुराम।परशुराम कोई व्यक्ति नहीं एक हिंसक विचार है।प्रतिशोध की अग्नि है।इस आग ने उनके...
हनुमान जी अकेले ऐसे देवता जिनका जन्मदिन साल में दो बार मनाया जाता है।
हनुमान जी हमेशा भगवान राम के साथ रहना चाहते थे। इसलिए एक बार पूरे शरीर पर सिंदूर का लेप लगा लिया। जब राम जी...
होली प्रेम की वह रसधारा है, जिसमें समाज भीगता है।
बसंत दुष्ट है।उसके चाल चलन अच्छे नहीं है।बसंत काम और रति का पुत्र है, सखा भी।यह सभी वर्जनाएं तोड़ने को आतुर रहता है। इस...
दिवाली में खेला गया जुआ व्यसन नही अनुष्ठान है
अगर ज़िन्दगी जुआ है।दुनिया इक सतरंगी चौसर है।और हम हर साँस पर दांव लगाते हैं।
कोविड के बाद तो ऐसा ही है।तो फिर जुए( द्यूत...
क्या विडम्बना है: लोग लक्ष्मी का आवाहन करते हैं; पर उल्लू से बचते हैं!
अब मैं उल्लू बनना चाहता हूँ।ताकि लक्ष्मी मेरी सवारी कर सकें। उल्लू पर सवार होकर ही लक्ष्मी आती है।लक्ष्मी और उल्लूपन में चोली दामन...
जब राम की लंका विजय के यज्ञ के आचार्य खुद रावण बने!
किसी भी उत्सव को मनाने के लिए ज़रूरी है आपके भीतर का बचपन जिन्दा हो।इसलिए उम्र कोई हो अपना बचपन बचाए रखिए।नहीं तो आप...
गणेश चतुर्थी: जीवन में शुभ और अशुभ की फिसलन में संतुलन ही गणेश है।
गणेश शुभांकर हैं। विघ्नहर्ता हैं। कुशल प्रबंधक हैं। आदि लेखक हैं।सृष्टि के पहले लिपिकार हैं।शास्त्रों के ज्ञाता हैं।ऋद्धि और सिद्धि उनकी पत्नी है।शुभ यानी...
“पंडित कुछ करो। जो कर रहे हो, वह पत्रकारिता नहीं है।”
निर्भयनिर्गुण ,गुणरेगाऊँगा
प्रभाष जी आज होते तो चौरासी बरस पूरा कर पिचास्वी में होते (जन्मदिवस: १५ जुलाई, १९३६)। देश की मौजूदा समस्याओं पर उनकी दृष्टि...
ये राम का देश है; जिसमें रम गए वही राम है ।
ये राम का देश है। यहां कण कण में राम हैं। भाव की हर हिलोर में राम हैं। कर्म के हर छोर में राम...