Sunday, May 12, 2024

कैंपा कोला कभी दिल्ली की पहचान अब अम्बानी के हाथ 

 मुकेश अंबानी ने अपनी कंपनी रिलायंस रिटेल के जरिए सॉफ्ट ड्रिंक मार्केट में उतरने की तैयारी कर ली है। रिलायंस रिटेल  ने 1970 के दशक के सबसे चर्च‍ित शीतल पेय ब्रांड कैम्पा कोला  का टेकओवर कर लिया है। इस घोषणा के साथ ही कनॉट प्लेस में शंकर मार्केट के करीब कैंपा कोला फैक्ट्री में फिर से हलचल होने की उम्मीद पैदा हो गई है। दरअसल शंकर मार्केट के ठीक आगे और इनकम टैक्स विभाग की बिल्डिंग मयूर भवन के सामने है कैंपा कोला की फैक्ट्री। यहां पर एक जमाने में पहले कोका कोला और फिर कैंपा कोला का उत्पादन होता था। एक अरसे से यह बंद है। 

इस बिल्डिंग के बाहर बहुत सी गाड़ियां खड़ी रहा करती थीं। इधर कैंपा कोला के चेयरमेन चरणजीत सिंह का दफ्तर था। उनकी मेन गेट के बाहर मर्सडीज कार खड़ी रहा करती थी। वे सन 1980 में सातवीं लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर साउथ दिल्ली सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार के रूप में जीते थे। इस बीच,मुकेश अंबानी की योजना कैंपा कोला ब्रांड को बाजार में फिर से खड़ा करने की है। माना जा रहा है कि रिलायंस दिवाली  में अपने तीन फ्लेवर लॉन्‍च करने की तैयारी कर रही है। इस फैक्ट्री में आप बंगाली मार्केट और बाबर रोड के रास्ते भी आ सकते हैं! इसके पिछले हिस्से की तरफ मिंटो ब्रिज  रेलवे स्टेशन है! 

 कौन थे कैंपा कोला के मालिक चरणजीत सिंह

चरणजीत सिंह मूल रूप से बिजनेसमैन थे। वे कैंपा कोला के अलावा अपने दूसरे बिजनेस देखते थे। उस जमाने में लखपति होना भी बड़ी बात होती थी। चरणजीत सिंह तो करोड़ोपति थे। कांग्रेस ने 1980 के लोकसभा चुनाव में  उन्हें साउथ दिल्ली सीट से टिकट दिया। उनके सामने जनता पार्टी के विजय कुमार मल्होत्रा थे। चरणजीत सिंह अपनी कैंपेन में पैसा खूब बहा रहे थे। उस दौर में चुनाव आयोग का चाबुक आज की तरह से नहीं चलता था। तब चुनावों में उम्मीदवारों के खर्च पर आज के समय की तरह नजर नहीं रखी जाती थी। उनके लिए शंकर मार्केट के दुकानदार भी कैंपेन कर रहे थे। चुनाव में चरणजीत सिंह ने विजय कुमार मल्होत्रा को शिकस्त दी। एक बार मल्होत्रा जी ने इस खाक सार को कहा था कि जनता पार्टी के बिखरने के बाद हुए चुनाव में वोटर हमारी बात सुनने को तैयार नहीं था. 

 तो इस तरह दिल्ली ने पहली बार लोकसभा में किसी सिख सांसद को भेजा। उन्होंने विजय कुमार मल्होत्रा को लगभग एक लाख मतों से शिकस्त दी। महत्वपूर्ण ये भी उस लोकसभा चुनाव में सिर्फ नई दिल्ली सीट से अटल बिहारी वाजपेयी विजयी हुए थे। वे भी कॉंग्रेस के सी एम Stephen को मुश्किल से हरा सके थे. शेष छह सीटों पर कांग्रेस को ही विजय मिली थी। चरणजीत सिंह एक कीर्तिमान बना गए थे। उनसे पहले या बाद में कभी दिल्ली से कोई सिख लोकसभा नहीं पहुंचा। 

कैंपा कोला, ली मेरिडियन और मोहन सिंह प्लेस

चरणजीत सिंह के पिता सरदार मोहन सिंह  भारत में कोका कोला के बिजनेस को शुरू करने वालों में से एक थे। वे नई दिल्ली नगर परिषद ( एनडीएमसी) के नामित उपाध्यक्ष भी रहे। उन्होंने जनपथ में तिब्बत मार्केट तथा डिफेंस क़ॉलोनी स्थापित करने में भी अहम रोल निभाया था। उनके नाम पर ही मोहन सिंह प्लेस बना । 

अगर बात फिर से कैंपा कोला फैक्ट्री की करें तो उसमें रोज राजधानी के कई स्कूलों के बच्चे आते थे। उन्हें फैक्ट्री में घुमाया जाता था। वे जब जाते थे तब उन्हें गिफ्ट भी दिए जाते थे।   

 उधर, चरणजीत सिंह ने 1982 के एशियन खेलों के समय होटल ली मेरिडियन खोला। उस समय उन्हें और ललित सूरी को नई दिल्ली के दिल में होटल खोलने के लिए जमीन मिली थी! दोनों दोस्त  थे! अब  दोनों के होटल राजधानी के सबसे बेह्तरीन लक्जरी होटलों में माने जाते है। चरणजीत सिंह का 1990 के दशक में निधन हो गया था! फिर उनकी पत्नी हरजीत जी ने बिजनेस को देखा ! 

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