Thursday, April 25, 2024

बोरिस जॉनसन की सास कौन थी ख़ुशवंत सिंह की।

बोरिस जॉनसन अपनी पूर्व पत्नी मरीना व्हीलर के साथ

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे की घोषणा से राजधानी दिल्ली के सुजान सिंह पार्क में रहने वाला एक बड़ा कुनबा उदास जरूर हुआ होगा। आखिर बोरिस जॉनसन इस कुनबे के दामाद रहे हैं। यह कुनबा है ठेकेदार के रूप में राष्ट्रपति भवन बनाने वाले सरदार सोभा सिंह का, जिन्हें आधी दिल्ली का मालिक कहा जाता था।

देखिए बोरिस जॉनसन अपने को भारत का दामाद भी कहते रहे हैं। हालांकि वे अलग किस्म के दामाद हैं। उनकी (दूसरी तलाकशुदा) पत्नी मरीना व्हीलर की मां सरदारनी दिलीप कौर भारतीय थीं। उसे सब दीप कौर ही कहते थे। दीप कौर की पहली शादी सोभा सिंह के पुत्र दलजीत सिंह से हुई थी। सोबा सिंह के चार पुत्र थे। उनमें से एक खुशवंत सिंह भी थे। तो इस लिहाज से बोरिस जॉनसन का अपने खुशवंत सिंह जी से भी संबंध बनता है। खुशवंत सिंह के छोटे भाई थे दलजीत सिंह। बोरिस जॉनसन और मरीना व्हीलर में 25 साल साथ-साथ रहने के बाद पिछले साल तलाक हो गया था। दोनों के चार बच्चे भी हैं। बोरिस जॉनसन भारत पहले भी कई बार आते रहे हैं और उनके मारिना के  परिवार से ठीक-ठाक संबंध हैं। कहते हैं कि वे दिल्ली में जी-74 सुजान सिंह पार्क जाते रहे हैं। वहीं तो दलजीत सिंह का परिवार रहता है।

कौन थी जॉनसन की सास

बोरिस जॉनसन की सास का नाम दिलीप कौर था।  उसे सब दीप कौर ही कहते थे। देश के बंटवारे के समय उसका परिवार सरगोधा (अब पाकिस्तान) से दिल्ली आया। यहां आते ही दीप कौर दिल्ली  जिमखाना क्लब में जाकर टेनिस खेलने लगी। तब उसकी उम्र 14 साल थी। उसके पिता मशहूर डॉक्टर थे। उनके दिल्ली और देश के मशहूर बिल्डर सरदार सोभा सिंह से संबंध थे। सोभा सिंह अपने सबसे छोटे पुत्र दलजीत सिंह के लिए किसी सुयोग्य कन्या की तलाश में थे जो उनके परिवार की बहू बन सके। कहते हैं, सोभा सिंह को दीप कौर के बारे में पता चला तो उन्होंने उसके पिता से ऱिश्ते की बात की। बात बन गई।

 कौन आया था उस शादी में

दलजीत सिंह, जो अपने बड़े भाई खुशवंत सिंह की तरह से लिखने-पढ़ने में रुचि लेते थे, और दीप कौर की शादी हो जाती है। साल था 1950। तब दीप कौर की उम्र सत्रह साल की थी और दलजीत सिंह की 27 साल। यानी दोनों में दस साल का अंतर था। सोभा सिंह ने शादी की रिस्पेशन अपने 1 जनपथ के भव्य बंगले में दी। उसमें सैकड़ों असरदार और पैसे वाले मेहमान मौजूद थे। इसी बंगले में खुशवंत सिंह की 1939 में शादी हुई थी। उसमें मोहम्मद अली जिन्ना भी मौजूद थे। अब इस बंगले से सोभा सिंह ट्रस्ट चलता है। उनकी नेमप्लेट भी यहां लगी है।

दीप कौर की पुत्री मरीना व्हीलर ने अपनी किताब Homestead: My Mother, Partition and the Punjab में लिखा है कि “मेरी मां के पहले पति (दलजीत सिंह) सियासत में बुलंदियां को छूना चाहते थे। उन्हें बाकी दुनिया से कोई मतलब नहीं था।  कुछ साल अपने पति के मां-बाप के घर में रहने के बाद मेरी मां वहां से एक दिन एक बैग लेकर निकल गई।“दीप कौर और दलजीत सिंह में  कभी तालमेल नहीं बैठा। दोनों में बातचीत भी कम होती थी। इसलिए दोनों में दूरियां बढ़ने लगीं। इनमें पति-पत्नी वाले संबंध भी नहीं बने। बहरहाल, भारत के 1950 के प्रोगेसिव समाज में भी किसी बहू के अपने पति के घर को यूं अचानक से छोड़ देना सामान्य घटना नहीं थी। यह खबर जब धीरे-धीरे राजधानी में फैली तो सनसनी मच गई। लोगों को यकीन नहीं हुआ कि जिस सोभा सिंह को आधी दिल्ली का मालिक कहते हैं, उनकी बहू अपने ससुराल का घर छोड़कर चली जाएगी।  कहते हैं कि दोनों परिवारों ने दीप कौर और दलजीत सिंह क बीच तकरार और मतभेद दूर करने की तमाम कोशिशें की थीं।

 कहते हैं, अपने मायके में वापस आने के बाद दीप कौर को लगा कि  फिलहाल दिल्ली में रहने से बेहतर होगा कि वह मुंबई शिफ्ट हो जाए। वह तब अपनी बहन अनूप के पास चली गईं। दिल्ली से दूर कुछ महीनों तक बंबई में रहने के बाद दीप दिल्ली आ गई। वह अपने डॉक्टर पिता के घर रहने लगी। उसके घर में उसके फैसले को लेकर बवाल कट रहा था। उसके दादा खासतौर पर बहुत खफा थे अपनी पोती के फैसले से। खैर, दीप कौर ने फिर से जिमखाना क्लब में जाकर टेनिस खेलना चालू कर दिया।

 मरीना व्हीलर लिखती हैं कि “ मेरी मां को कनाडा की हाई कमीशन में नौकरी मिल गई। वहां पर उसकी जिंदगी बदल गई। वह डिप्लोमेटिक सर्किल में उठने बैठने लगी।  उसका फिर से शादी करने का कोई इरादा नहीं था। पर उसी दौर में उनकी जिंदगी में पत्रकार चार्ल्स व्हीलर आ गए। वे बीबीसी के दिल्ली में संवाददाता थे।”


दीप कौर अपने दूसरे पति चार्ल्स व्हीलर के साथ 

 किससे प्यार करने लगी दीप कौर

कहने वाले कहते हैं कि चीन के प्रधानमंत्री चाऊ एन लाई 1960 में भारत के राजकीय दौरे पर आए। उनके सम्मान में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने एक भोज का आयोजन किया। वहां पर पहली बार दीप कौर और चार्ल्स व्हीलर मिले। दोनों में बातचीत हुई और बातचीत मित्रता और फिर शादी तक जा पहुंची। शादी से पहले दोनों  खूब घूमे-फिरे। दोनों एक दूसरे पर जान निसार करने लगे। दोनों की पहली कायदे की डेट की भी रोचक कहानी है। दोनों नेहरु जी के खास प्रोजेक्ट भाखड़ा नांगल डैम को देखने पंजाब गए। उसके बाद दोनों कश्मीर की वादियों में नौका विहार का आनंद लेने और शिकारे में दुनिया की नजरों से दूर रहने के लिए चले गए। अभी तक दोनों ने शादी  नहीं की थी। खैर, 29 मार्च, 1962 को दोनों ने  दिल्ली में शादी कर ली।शादी के कुछ समय के बाद चार्ल्स व्हीलर की जर्मनी के शहर बर्लिन में ट्रांसफर हो गई। वहां तीन साल रहने के बाद चार्ल्स व्हीलर को बीबीसी ने 1965 में वाशिंगटन में भेज दिया।

तब तक चार्ल्स व्हीलर और दीप कौर दो बेटियों- मरीना तथा शरीन – के माता- पिता बन चुके थे। मरीना ने ही आगे चलकर बोरिस जॉनसन से विवाह किया। वही बोरिस जॉनसन जिन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के पद को छोड़ा हैं। जॉनसन तथा मरीना ने 25 सालों तक साथ रहने के बाद तलाक ले लिया है। बहरहाल, दीप कौर और चार्ल्स व्हीलर 1962 में भारत से गए तो फिर तीन बार ही वापस भारत आए।

दीप कौर का फरवरी, 2020 में कैंसर की चपेट में आने के कारण निधन हो गया था। वह तब 88 साल की थी। वह लंदन के करीब ससेक्स के एक कॉटेज में रहती थी। चार्ल्स व्हीलर का 2008 में 85 साल की उम्र में निधन हो गया था।  उधर, दीप कौर से तलाक के बाद दलजीत सिंह ने भी बाद में शादी कर ली थी।

Read More